नमस्कार दोस्तों आज के लेख में हम जानेंगे कि सुप्रीम कोर्ट क्या है, सुप्रीम कोर्ट इन हिंदी, कोर्ट कितने प्रकार के होते हैं, वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों की संख्या कितनी है। साथ ही हम यह भी विस्तार से समझेंगे कि सुप्रीम कोर्ट के कार्य एवं शक्तियां क्या है ? एवं सुप्रीम कोर्ट से सबंधित वो प्रमुख प्रश्न जो लगातार किसी न किसी परीक्षाओं में पूछे जाते रहे है जिनमें, रिट क्या है, रिट कौन जारी करता है , रिट कितने प्रकार के होते हैं प्रमुख हैं।
जैसा कि हम सब जानते हैं कि संविधान में राज्य की शक्तियों को मुख्यत तीन अंगों में बांटा गया है जो क्रमशः विधायिका, कार्यपालिका एवं न्यायपालिका है। हमारा देश एक लोकतांत्रिक देश है जो मुख्यतः इन्हीं तीन स्तंभों पर टिका हुआ है और वस्तुतः इसी कारण इसे लोकतंत्र का आधार स्तंभ भी कहा जाता है।
1.सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) के गठन संबंधी प्रावधान का वर्णन संविधान के भाग 5 में अनुछेद 124 से 147 के बीच वर्णित है।
- मूल संविधान में कुल न्यायाधीशों की संख्या 7+1 थी। वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों की संख्या 33+1 है।
- सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों की नियुक्ति राष्ट्रपति मुख्य न्यायाधीश के परामर्श पर करता है। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों की नियुक्ति और त्यागपत्र राष्ट्रपति के द्वारा ही सम्पन्न होता है।
- SUPREME COURT के न्यायाधीश बनने के लिए न्यूनतम आयु सीमा संविधान में निर्धारित नहीं है जबकि रिटायरमेंट की आयु सीमा 65 वर्ष निर्धारित की गई है।
- सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश बनने की योग्यता निम्नलिखित है :
क). उसे भारत का नागरिक होना चाहिए
ख). उसने किसी एक उच्च न्यायालय या दो से अधिक उच्च न्यायालयों में कम से कम 5 वर्ष तक न्यायाधीश के रूप में काम किया हो।
ग). उसे कम से कम किसी उच्च न्यायालय या किसी न्यायालय में कम से कम 10 वर्ष तक वकील के रूप में कार्य किया हो।
घ). वह राष्ट्रपति के दृष्टि में एक कुशल विधिवेत्ता हो
6). सुप्रीम कोर्ट के जज रिटायरमेंट के बाद भारत के किसी भी न्यायालय या किसी भी अधिकारी के सामने वकालत नहीं कर सकते हैं।
7). राष्ट्रपति की स्वीकृति के उपरांत मुख्य न्यायाधीश चाहे तो दिल्ली के अलावा किसी दूसरे स्थानों पर भी सुप्रीम कोर्ट की बैठकें बुला सकता है। अभी तक हैदराबाद एवं श्रीनगर में इस तरह की दो बार बैठकें हो चुकी हैं।
8). कॉलेजियम 5 न्यायाधीशों का एक ग्रुप या कमिटी होता है जो किसी विषय के लिए गठित होता है। कॉलेजियम का मुख्य कार्य किसी विषय पर कानूनी परामर्श और सलाह देना होता है। अनुच्छेद 143 के तहत राष्ट्रपति को इसी प्रकार से कॉलेजियम की तरफ से किसी विषय पर परामर्श पाने का अधिकार है। हालांकि राष्ट्रपति अनुच्छेद 143 के तहत सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों की सलाह मानने के लिए बाध्य नहीं है। भारत के मूल संविधान में या संशोधनों में अभी तक कहीं भी ऐसे कॉलेजियम का कोई जिक्र नहीं है।
9). सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को सिर्फ साबित कदाचार या असमर्थता के आधार पर ही हटाया जा सकता है जिसके लिए संसद से उसी सत्र में दो तिहाई बहुमत से मत पारित करना होता है।
10). सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को हटाने का प्रस्ताव किसी भी सदन में पारित किया जा सकता है। किंतु इसके लिए उसे लोकसभा में 100 तथा राज्यसभा में 50 प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
11). जस्टिस पी. रामास्वामी भारत के एकमात्र सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश थे जिनके खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया शुरू की गई थी। हालांकि प्रस्ताव सदन से पारित न होने के कारण
यह कार्य सम्पन्न न हो सका। इस तरह से भारत में अभी तक किसी भी सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग का केस दर्ज नहीं है।
12). सर्वोच्च न्यायालय की शक्तियों में मूलतः मूल अधिकारिता, रिट अधिकारिता, अभिलेख न्यायालय, अपीलीय न्यायालय, सलाहकारी अधिकारिता, न्यायिक पुनर्विलोकन की भूमिका सबसे ऊपर है। सर्वोच्च न्यायालय को इन्ही शक्तियों के कारण इसे संविधान का रक्षक एवं व्याख्याकता भी कहा जाता है।
13). न्यायालय पांच प्रकार से रिट जारी कर सकती है जो निम्नलिखित हैं:
बन्दी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus)
परमादेश (Mandamus)
उत्प्रेषण (Certiorari)
निषेधाज्ञा (Prohibition)
अधिकार पृच्छा (Quo warranto)
14). बन्दी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus) का मतलब और साधारण सा अर्थ है शरीर सहित पेश करना। बन्दी प्रत्यक्षीकरण रिट जारी करने का अर्थ है कि गिरफ्तार व्यक्ति को गिरफ्तारी के 24 घंटे के अंदर उक्त व्यक्ति को मजिस्ट्रेट के सामने अनिवार्य रूप से पेश करना है। यह एक तरह से गलत तरीके से किये गए गिरफ्तारी की आदतशैली को रोकता है।
15). परमादेश (Mandamus) का मतलब है कि “ यह हमारा आदेश है।” यह आदेश कोई भी उपरी न्यायालय निचले न्यायालय को दे सकती है कि यदि वह न्यायाधिकरण अपने कर्तव्यों के निर्वहन में असफल रहती है।
16).उत्प्रेषण (Certiorari) का अर्थ है लंबित विषयों को आगे फारवर्ड करना। यह आदेश सुप्रीम कोर्ट या उच्च न्यायालयों के द्वारा अधीनस्थ न्यायालयों के लिए जारी होता है। उत्प्रेषण रिट जारी होने के बाद अधीनस्थ न्यायालय उक्त विषय को हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट को ट्रांसफर कर देती हैं।
17). निषेधाज्ञा (Prohibition)
निषेधाज्ञा का मतलब है Stay यानी रोकना। यह सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट के जरिये अधीनस्थ न्यायालयों के लिए Stay Order होता है जिसका साफ सा मतलब होता है कि अधीनस्थ न्यायालय उस काम को वहीं छोड़ दे। अब आगे का काम हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट टेक ओभर करेगी।
18). अधिकार पृच्छा का मलतब है कि “ इस पद के लिए आपका अधिकार क्या है?” यह रिट सुप्रीम कोर्ट या हाइकोर्ट से तब जारी की जाती है, जब कोई व्यक्ति किसी ऐसे पद पर बिना किसी अधिकार के काम करता है जो सार्वजनिक हो, तथा वह उस पद का उत्तराधिकारी न हो। न्यायालय इस रिट के जरिये एक प्रूफ चेक करती है कि उक्त अधिकारी या व्यक्ति उस पद का सही लाभार्थी है या नहीं।
19). रिट जारी करने का अधिकार सिर्फ हाई कोर्ट और SUPREME COURT के पास है। संविधान में वर्णित अनुच्छेद 32 और अनुच्छेद 226 के हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट को रिट जारी करने का अधिकार देती है।
20). तदर्थ न्यायाधीश (Adhoc Justice) सुप्रीम कोर्ट द्वारा आयोजित किसी सत्र के लिए किसी उच्च न्यायालय के न्यायाधीश होते हैं जिन्हें सिर्फ कुछ समयविशेष के लिए कोरम यानी कि गणपूर्ति के लिए सम्मिलित किया जाता है। हालांकि यह तदर्थ न्यायाधीश उस उच्च न्यायालय और राष्ट्रपति की सहमति के बाद ही नियुक्त होता है।
■ SUPREME COURT , हाई कोर्ट एवं न्यायपालिका से विभिन्न परीक्षाओं में पूछे गए प्रश्न :
● कोर्ट कितने प्रकार के होते हैं ? Types of court
भारत में कुल 6 प्रकार के न्यायालय स्थापित हैं जो क्रमशः उच्चतम न्यायालय, उच्च न्यायालय, जिला और अधीनस्थ न्यायालय, ट्रिब्यूनल, फास्ट ट्रेक कोर्ट एवं लोक अदालत है।
● वर्तमान में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की संख्या कितनी है ?
वर्तमान में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की संख्या मुख्य न्यायाधीश की संख्या को मिलाकर कुल 34 है। (33+1)
● सुप्रीम कोर्ट में कितने जज हैं 2021
सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश को मिलाकर कुल जजों की संख्या 34 है। मूल संविधान में कुल 8 जजों का वर्णन है।
● सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश कौन हैं Chief Justice of India name
सुप्रीम कोर्ट के वर्तमान मुख्य न्यायाधीश का नाम न्यायमूर्ति श्री एन.वी. रमण हैं। ये भारत के 48 वें मुख्य न्यायाधीश हैं।
● सर्वोच्च न्यायालय का अध्यक्ष कौन होता है ?
भारत का मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of India / CJI) भारतीय न्यायपालिका तथा सर्वोच्च न्यायालय का अध्यक्ष होता है।
● भारत का सबसे पुराना हाईकोर्ट कौन है ?
भारत का सबसे पुराना हाईकोर्ट कोलकाता हाईकोर्ट है और इसकी स्थापना सन 1862 में हुई थी।
● भारत का सबसे बड़ा हाई कोर्ट का नाम क्या है ?
इलाहाबाद उच्च न्यायालय भारत का सबसे बड़ा हाईकोर्ट है। साथ ही यह एशिया का सबसे बड़ा उच्च न्यायालय भी है।
● भारत में उच्च न्यायालयों की कुल संख्या कितनी है
वर्तमान में भारत में कुल उच्च न्यायालयों की संख्या 25 हैं।
● भारत के मुख्य न्यायाधीश का वेतन कितना है ?
भारत के मुख्य न्यायाधीश का वेतन 280000/- प्रतिमाह है। वहीं सुप्रीम कोर्ट के अन्य न्यायाधीशों
का वेतन ढाई लाख प्रतिमाह है।
● भारत का मुख्य न्यायाधीश कब तक अपने पद पर कार्य कर सकता है ?
भारत के मुख्य न्यायाधीश का कार्यकाल 65 वर्ष की आयुसीमा तक निर्धारित किया गया है।
● उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश कब तक अपने पद पर कार्य कर सकता है ?
उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीश का कार्यकाल 62 वर्ष की आयुसीमा तक निर्धारित किया गया है।
● सुप्रीम कोर्ट के पहले मुख्य न्यायाधीश का नाम क्या था
सुप्रीम कोर्ट के पहले मुख्य न्यायाधीश का नाम जस्टिस हीरालाल जे कानिया था।
● सुप्रीम कोर्ट की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश का नाम क्या था
सुप्रीम कोर्ट की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश का नाम जस्टिस बीबी फातिमा था।
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