नोमोफोबिया क्या है (Nomophobia in hindi ) मोबाइल की लत क्या है Mobile ki lat kya hai (Phone Addiction in hindi) :

नमस्कार दोस्तों, आज का ब्लॉग स्मार्टफोन की लत यानी कि फोन एडिक्शन से छुटकारा कैसे पाएं ( How to get rid of Smartphone Addiction ), बच्चों को मोबाईल से दूर कैसे रखें, नोमोफोबिया (Nomophobia) क्या है ? जैसे Important विषय को लेकर है। मोबाइल की लत को कैसे दूर करें ( Mobile ki Lat ko kaise dur kare ), Psychological effects of Cellphone Addiction ये इक्कसवीं सदी के अंधाधुंध तकनीकी विकास के समक्ष एक बड़ा प्रश्न चिन्ह है।

तो ब्लॉग शुरू करने से पहले हम ये सरल भाषा में समझना होगा कि मोबाइल की लत क्या है (मोबाइल की लत इन हिंदी), मोबाइल की लत meaning in hindi, फोन एडिक्शन खत्म करने के रामबाण तरीके ताकि हम इस महत्वपूर्ण मुद्दे को आसानी से निपटान कर सके। अगर आप
मोबाइल की लत कैसे छुड़ाए पर निबंध
Essay on Phone Addiction पर ढूंढ रहे हैं तो फिर ये ब्लॉग आप ही के लिए है।

◆ नोमोफोबिया क्या है (Nomophobia in hindi ) Nomophobia fullform :

Nomophobia का शाब्दिक अर्थ है No Mobile Phobia यानी कि मोबाईल को किसी भी हाल में खुद से दूर नहीं रखना। यह एक ऐसी स्थिति है जहां इंसान मोबाइल पर हवा पानी की भाँति निर्भर हो जाता है। उसे एक क्षण भी मोबाइल से दूर हो जाना या नेटवर्क से कट जाना उसके लिए दुनिया का सबसे बड़ा दुख है। नोमो फोबिया के स्टेज तक पहुंचने के बाद इंसान का मस्तिष्क उसके स्मार्टफोन का गुलाम हो जाता है। वह हर मिनट या तो स्क्रीन लॉक अनलॉक करता है या कोई नोटिफिकेशन को बार बार रीचेक करता है। वह चाहे घर में हो या घर से बाहर, उसकी उंगलियां उसके मोबाईल के इशारों पर हमेशा घूमते रहती है। मुँह धोने से लेकर बाथरूम जाने तक वह दिन का हर एक समय स्क्रीन को स्क्रॉल करने में ही व्यतीत कर देता है। और अंत में हाल यह हो जाता है कि उसे हमेशा मोबाइल को चार्जर के साथ लगाकर कहीं चार्जिंग पॉइंट के पास बैठना पड़ जाता है।

◆ मोबाइल की लत क्या है Mobile ki lat kya hai (Phone Addiction in hindi) :

संस्कृत में एक कहावत है कि ‘अति सर्वत्र वर्जयेत’ यानी कि किसी भी चीज की अधिकता या अति होना अच्छा नहीं होता। मोबाइल की लत एक समय सीमा से अधिक मात्रा में फोन डिवाइस को use करने से है। यह एक प्रकार से एक डिजिटल नशा है जहां इंसान एक क्षण भी मोबाइल की बिना रह नहीं पाता। यह ऐसा तलब है जहाँ इंसान हर मिनट नोटिफिकेशन, फोन कॉल, मैसेज Frequently चेक करते रहता है। उसे सोते वक्त भी सपने में फोन की घण्टी (Phone ring) सुनाई देने लगती है और वह जगकर मोबाइल की स्क्रीन चेक करता है। मोबाइल की लत लग जाने के बाद नोमोफोबिया (Nomophobia), Insomnia, Circadian Rhythm, Vision Syndrome जैसे अनगिनत बीमारियां इंसान को अपने चपेट में ले लेती हैं जिसे जल्द से निवारण न किया जाए तो यह एक मानसिक अवसाद ( Mental Disorder) का रूप ले लेती हैं। मेडिकल के क्षेत्र में आजकल इसे Diagnostic and Statistical Manual of Mental Disorder ( DSM-5) बीमारी के नाम से जाना जाता है।

कुल मिलाकर मोबाइल की लत यानी कि फोन एडिक्शन से पहले इंसान मोबाइल को Use करता है और मोबाइल की लत लग जाने के बाद वही फोन डिवाइस इंसान को Use करने लग जाता है।

मोबाइल की लत क्या है Mobile ki lat kya hai

◆ मोबाइल का दुष्परिणाम , लक्षण और बीमारियां Disease caused by Mobile &
Side effects of Smartphone

हर एक टेक्नोलॉजी के दो आयाम होते हैं। सकारात्मक और नकारात्मक। ठीक वैसे ही मोबाइल के दुष्परिणाम और Smartphone के side effects को भी नकारा नहीं जा सकता। स्मार्टफोन ने भले ही घण्टों का काम मिनटों में तय कर लिया हो, गीत-संगीत, audio-Video, और विभिन्न Applications को भले ही एक छोटे से स्क्रीन पर set कर दिया हो। लेकिन उसके दूरगामी प्रभाव अभी से ही देखे जाने लगे हैं। मोबाइल फोन की लत से होने वाली बीमारियों के नाम निम्नलिखित हैं :

  1. Diagnostic and Statistical Manual of Mental Disorder (DSM-5)
  2. Text Neck or Neck Problem
  3. Blurred Vision,Vision Syndrome or Digital Eye Strain
  4. Nomophobia
  5. Circadian Rhythm
  6. Male Infertility
  7. .Anger & Depression
  8. Insomnia
  9. Obsessive Compulsion Disorder

मोबाईल से नेट की कनेक्टिविटी का थोड़े देर के लिए गायब होना आज के इंसान को गुस्सा, चिड़चिड़ापन और डिप्रेशन के मुहाने तक लाकर खड़ा कर दिया है। दुनिया मोबाइल में है और हम वास्तविक दुनिया से कोसों दूर। देर रात तक अंधेरे में मोबाइल के स्क्रीन पर अत्यधिक समय व्यतीत करना Blurred Vision,Vision Syndrome or Digital Eye Strain जैसी नई बीमारियों को जन्म दे रहा है। दिन दर गर्दन झुका कर मैसेज टाइप करना या मोबाइल चलाना Neck Problem जैसी बीमारी को बढ़ावा दे रहा है जिसे डॉक्टर की भाषा में Text Neck कहा जाता है। हमेशा मोबाइल से चिपके रहना कहीं न कहीं Male Infertility को प्रभावित कर रही है जो एक बड़ा ही विचलित करने वाला प्रश्न है।

मोबाइल की अधिक SAR ( Specific Absorption Rate) रेडिएशन की वैल्यू गाहे- बगाहे कई नई नई बीमारियों जैसे कि मेंटल हेल्थ को प्रभावित कर रही हैं। लोग फिजीकल अटैचमेंट की जगह वर्चुअल अटैचमेंट को तरजीह दी रहे हैं। फलतः कभी Outdoor Activities करने वाला इंसान अब Indoor में एक दस बाई दस के कमरे में सिमट जाना चाहता है जहाँ उसकी जरूरत अब बस एक अनलिमिटेड नेट का पैक और एक चार्जिंग पॉइंट भर की है। कभी 8 घण्टे की भरपूर नींद लेने वाला इंसान आजकल सुबह का सूरज देखना भूल गया है। यह स्थिति न सिर्फ बड़े शहरों की है अपितु छोटे से गांव का एक कस्बा भी अब Insmonia जैसे अनिद्रा के चपेट में है।

◆ मोबाइल की लत से सम्बंधित स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट ( Report on Samartphone Addiction )

स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की एक स्टडी रिपोर्ट ने यह खुलासा किया है कि एक Average User एक दिन में कुल मिलाकर 110 बार तक अपना स्मार्टफ़ोन चेक करता है। और साथ ही कम से कम एक दिन में औसतन वह 5-6 घण्टे का टाइम स्क्रीन पर व्यतीत करता है। यह न सिर्फ लोगों में मस्तिष्क की एकाग्रता (Brain Focus) को प्रभावित कर रहा है बल्कि लोगों को Anxiety और डिप्रेशन का शिकार भी कर रहा है।

Nomophobia का शाब्दिक अर्थ है No Mobile Phobia यानी कि मोबाईल को किसी भी हाल में खुद से दूर नहीं रखना। यह एक ऐसी स्थिति है जहां इंसान मोबाइल पर हवा पानी की भाँति निर्भर हो जाता है। उसे एक क्षण भी मोबाइल से दूर हो जाना या नेटवर्क से कट जाना उसके लिए दुनिया का सबसे बड़ा दुख है। नोमो फोबिया के स्टेज तक पहुंचने के बाद इंसान का मस्तिष्क उसके स्मार्टफोन का गुलाम हो जाता है। वह हर मिनट या तो स्क्रीन लॉक अनलॉक करता है या कोई नोटिफिकेशन को बार बार रीचेक करता है। वह चाहे घर में हो या घर से बाहर, उसकी उंगलियां उसके मोबाईल के इशारों पर हमेशा घूमते रहती है। मुँह धोने से लेकर बाथरूम जाने तक वह दिन का हर एक समय स्क्रीन को स्क्रॉल करने में ही व्यतीत कर देता है। और अंत में हाल यह हो जाता है कि उसे हमेशा मोबाइल को चार्जर के साथ लगाकर कहीं चार्जिंग पॉइंट के पास बैठना पड़ जाता है।
मोबाइल की लत से सम्बंधित स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट

◆स्मार्टफोन की लत से छुटकारा पाने के आसान एवं प्रेक्टिकल तरीक़े Phone Addiction Treatment

दुनिया में ऐसा कोई बीमारी नहीं है जिसका दवाई या उपाय न हो। अगर समस्या है तो उसका समाधान भी है। हम यहां कई सारे तरीके बताएंगे जिन्हें मोबाइल की लत छुड़ाने के रामबाण ( Remedy of Smartphone Addiction) तरीके कहा जा सकता है:

क) मोबाइल के अनलॉक पैटर्न को Alphanumeric और Difficult सेट करना ताकि जरूरत पड़ने पर ही आप मोबाइल को Use कर सके।

ख) सोने से पहले और जगने के बाद मोबाइल के नोटिफिकेशन को चेक करने की जगह एक निश्चित समय सेट करना जिससे आपका फोकस आपके कामों पर बना रहे।

ग) खाली समय को मोबाइल के स्क्रीन पर बर्बाद करने की जगह Physical Activities पर खर्च करें। साथ ही कोई Motivational किताब पढ़ने या कुछ लिखें में अपने को Busy कर सकते हैं यह मोबाइल की लत छुड़ाने का सबसे बेस्ट तरीका है।
(टॉप 10 Motivational Book)
https://www.gkjankari.com/motivational-books/

घ). मोबाइल की लत छुड़ाने के लिए आप सप्ताह में कम से कम एक दिन No Mobile Day का अभ्यास कर सकते हैं। आप ऐसा दिन निर्धारण करें कि आज के दिन बिना मोबाइल का क्वालिटी समय व्यतीत करेंगे।

ङ). बच्चों में मोबाइल की लत या आदत छुड़ाने के लिए आप उन्हें योगा या ध्यान ( Meditation) के लिए प्रेरित कर सकते हैं। योगा मानसिक अवसाद को दूर करने में अग्रणी भूमिका अदा कर सकता है।

च). यदि आप स्मार्टफ़ो की लत से परेशान हैं तो सोशल मीडिया Apps जैसे कि फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर, व्हट्सएप को तुरंत ही अनइंस्टॉल कर दें। ऐसे Apps को Remove कर देने में ही भलाई है जो आपके करियर को चौपट कर दे।

छ). संभव हो तो मोबाइल को अपने से दूर कहीं हैंगर में टांग दे। क्योंकि मोबाइल आज के दौर में ख़तरे की घण्टी है और खतरे की घंटी को पॉकेट में लेकर घूमना सेहत को बुरी तरह से प्रभावित कर सकता है।

◆ आगे की राह Way Forward ( How to remove Smartphone addiction in simple ways )

इसमें कोई दो राय नहीं है कि मोबाइल का Evolution देश विदेश को interconnect कर रखा है लेकिन यह भी इतना ही सच है कि पर्सनल लाइफ के ऊपर अब वर्चुअल लाइफ हावी हो चुका है। सोशल मिडीया एक ऐसी दूसरी दुनिया है जहाँ आपसी सम्बंध चंद मिनटों में ही बनते और बिगड़ जाते हैं। ऐसे हालात में हमें पर्सनल और सोशल लाइफ के साथ साथ Phisical और Virtual लाइफ के बीच सामंजस्य बना कर रखने की जरूरत है। कभी भी किसी टेक्नोलॉजी और डिवाइस पर इतना निर्भर नहीं होना चाहिए कि उसकी तलब आपका चैन सुकून खत्म कर दे। मोबाइल जीवन का हिस्सा है इसमें कोई असहमति नहीं किंतु मोबाइल ही समूल जीवन है इसपर हमें फिर से सार्थक विचार विमर्श करने की जरूरत है।

मोबाइल की लत से रिलेटेड कुछ टेक्निकल टर्म :

मोबाइल में SAR वैल्यू क्या होता है What is SAR In mobile

Mobile में SAR का Full form Specific Absorption Rate होता है। SAR किसी डिवाइस से Electromagnetic Waves का रेडिएशन होता है जिसे एक अनुपात में शरीर Absorb करता है। यह अनुपात जितना कम होगा सेहत के लिए उतना ही अच्छा होता है। भारत और अमेरिका में यह मानक स्टंडर्ड 1.6K/kg है।

Nomophobia का शाब्दिक अर्थ है No Mobile Phobia यानी कि मोबाईल को किसी भी हाल में खुद से दूर नहीं रखना।
SAR का Full form Specific Absorption Rate होता है।

मोबाइल में SAR वैल्यू कैसे चेक किया जाता है How to check SAR value in Mobile

मोबाइल में SAR वैल्यू चेक करने के लिए *#07# डायल करें। यह आपके डिवाइस का SAR वैल्यू आपके डिवाइस के स्क्रीन पर show करने लगेगा।

Insomnia क्या है Insomnia in hindi

Insomniya को ही हिंदी में अनिद्रा बोलते हैं। Insomniya से ग्रसित व्यक्ति को नींद न आने की शिकायत रहती है। यह एक तरह से मानसिक अवसाद की चरण प्रक्रिया जहाँ किसी व्यक्ति को सुकून से नींद नहीं आती है और यह एक ही रात में कई बार जागते रहता है।

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