SWAMINATHAN AAYOG

क्या है स्वामीनाथन आयोग जिसको लागू करने की मांग हर किसान करता है

स्वामीनाथन आयोग या राष्ट्रीय किसान आयोग

18 नवम्बर 2004 को किसी समस्याओ को बारीकी से समझने के लिए तथा किसानो की हालत को सुधारने के उद्देश्य से राष्ट्रीय किसान आयोग (NATIONAL COMMISSION ON FARMERS) का गठन किया गया था| इस आयोग के अध्यक्ष भारत में हरित क्रांति के जनक ऍम एस स्वामीनाथन थे इसीलिए इस आयोग को स्वामीनाथन आयोग के नाम से भी जाना जाता है | स्वामीनाथन आयोग ने जिन बिन्दुओ को अपनी रिपोर्ट में शामिल किया था उसे स्वामीनाथन रिपोर्ट कहा जाता है इस रिपोर्ट को अंतिम रूप से 04 अक्टूबर 2006 को तत्कालीन  सरकार को सौंपा गया था |

डॉ. ऍम एस स्वामीनाथन

प्रोफेसर ऍम एस स्वामीनाथन को भारत में हरित क्रांति का जनक कहा जाता है | डॉ. स्वामीनाथन एक कृषि वैज्ञानिक है |भारत में हरित क्रांति 1966-1967 में हुई थी तब स्वामीनाथन की अगुवाई में मक्सिको के बीजों को पंजाब और हरियाणा के बीजों से शंकर करके नए बीज तैयार किये गये थे जो भारत में उच्च उत्पादन करने में सफल रहे थे | डॉ.स्वामीनाथन को कई राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय पुरस्कारों से भी नवाजा जा चूका है | डॉ. स्वामीनाथन को 1967 में पद्मश्री  1972 में पद्मभूषण 1971 में रमन मग्ससे से सम्मानित किया गया था |  

स्वामीनाथन रिपोर्ट में क्या कहा गया

स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार बेकार सरकारी  जमीनों को भूमिहीन किसानो में बाँट देना चाहिए

न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP), किसान की फसल की औसत लागत से 50% ज्यादा होनी चाहिए जिससे कि छोटे किसानों को भी कृषि के लिए प्रोत्साहित किया जा सके |

किसानो को अच्छी गुणवत्ता वाले बीज कम दम पर मुहैया कराया जाये |

किसानो की समस्याओ के तुरंत समाधान के लिए राज्य स्तरीय किसान आयोग बनाया जाये साथ ही किसानो की सेहत सुविधाओं को बढाया जाये |

गाँव स्तर पर ज्ञान चौपाल (VILLAGE KNOWLEDGE CENTER) खोला जाय जिससे की किसानो के फसल से सम्बन्धी प्रश्नों और ज्ञान का निवारण किया जा सके |

सिचाईं के पानी की उपलब्धता के लिए पानी की आपूर्ति और जल वर्षा संचयन पर जोर दिया गया था | भू जलस्तर को सुधारने के लिए ‘कुवां शोध कार्यक्रम’ चलाया जाय |

किसानों की आत्महत्या को रोकने के लिए अधिकांश आत्महत्या वालो को स्थानों को चिन्हित करके वहां किसानो के समस्याओ के समाधान के लिए विशेष कार्यक्रम चालना चाहिए |

किसानो की फसल वित्त बीमा के लिए जोखिम निधि बनायीं जाय जिससे की प्राकृतिक आपदाओं से नुकसान होने पर किसान का पैसा सुरक्षित रहे |

महिला किसानो के लिए किसान क्रेडिट कार्ड जारी किया जाय जिसपर कम ब्याज पर आसानी से लोन मुहैया कराया जा सके |

स्वामीनाथन रिपोर्ट को किसानो की आर्थिक हालत को बेहतर करने की दिशा में एक बहुत बड़ा कदम माना जाता है फिर भी अभी तक किसी सरकार ने इस रिपोर्ट को लागू नहीं किया है जबकि किसान संगठन हमेशा से इस रिपोर्ट को लागू करने की मांग करते आ रहे हैं | 2007 यूपीए सरकार ने इस रिपोर्ट को स्वीकारने की बात कही थी

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