Kisan andolan

कृषि अधिनियम 2020 : तथ्य और विश्लेषण

Kisan bill 2020

  • भारत गाँवों का देश है और गांव की अर्थव्यवस्था कृषि पर आधारित होती है. भले ही हम मंगल ग्रह तक पहुंच जाए या सूर्य तक पहुंचने का सपना देखें, किन्तु हमारी आधारभूत जरूरत कृषि से ही पूरी हो सकती है. कृषि का क्षेत्र केवल खाद्यान्न उत्पादन तक सीमित नहीं है बल्कि आज इसमें दूध, मत्स्य पालन, फल, सब्जी, मुर्गी पालन जिसे कुटीर उद्योग भी शामिल है. कृषि किसी भी देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ होती है और भारत जैसे देश में इसकी महत्ता इससे सिद्ध होती है कि
  1.  भारत की दो तिहाई आबादी डायरेक्टली ओर इनडायरेक्टली कृषि पर निर्भर करती है.
  2.  50% आबादी रोजगार के लिए कृषि पर निर्भर है.
  3.  यह अन्य sectors ऑफ इकोनॉमी को कच्चा माल मुहैया करता है, इस तरह यह अन्य सेक्टर का आधार है.
  4.  भारत की जीडीपी का 15% हिस्सा कृषि से आता है.
  5.  भारत कृषि निर्यात के मामले में 5 th स्थान पर आता है, इस तरह यह विदेशी मुद्रा earn करने में मदद करता है.
  •  यह कृषि क्षेत्र ही था जिसने हरित क्रांति लाकर पूरे देश को भुखमरी से बचाया तथा स्वाभिमान के पथ पर आगे बढ़ाया. आज कृषि जैसा बेहद महत्वपूर्ण क्षेत्र नजरअंदाज है.
  •  आज कोई भी विद्यार्थी या माता-पिता अपने बच्चे को किसान नहीं बनाना चाहते.
  •  खेती करना आज के दौर मे prestigious  नहीं माना जाता. क्योंकि इसमें जीवन की मूलभूत जरूरतें भी पूरी नहीं हो पाती है.
  •  आज हर चार में से तीन किसान कृषि छोड़ने के बारे में सोच रहा है.
  •  करीब 64% किसान आज कर्ज में डूबा हुआ है.
 आलम यह है कि किसान आत्महत्या एक आम बात हो गई है और यह सब है क्योंकि
  •  कम उत्पाद: अगर हम धान की बात करें तो भारत में प्रति हेक्टेयर 3.1 टन धान का उत्पादन होता है जबकि चीन में यह प्रति हेक्टेयर 6.5टन है
  •  लैंड फ्रेगमेंटेशन: भारत में प्रति व्यक्ति लैंड होल्डिंग 2010- 11 मे  1.15 से घटकर 2015-16 मे मात्र 1.08 हेक्टेयर रह गई है.और यह और यह विश्व के एवरेज से बहुत ही कम है
  •  आधारभूत संरचना जैसे कोल्ड स्टोरेज की कमी,जिसके कारण खाद्यान्न की बर्बादी होती है.
  •  कृषि में निवेश की कमी के कारण नई तकनीकों तथा उपकरणों का विकास भारत में बहुत ही धीमी गति से हुआ है, जिसका उत्पाद पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है.
मौसम आधारित कृषि तथा उत्पाद की सही कीमत ना मिलने पर कृषि भारत में केवल उत्तरजीवी का साधन बना हुआ है. पूर्व सरदारों ने कृषि सुधार के लिए कई प्रयास किए हैं जिनमें मुख्य है
  •  एसेंशियल कमोडिटीज एक्ट 1955 – यह कानूनी जरूरी वस्तुओं तथा खाद्यान्नों के जमा करने पर पाबंदी लगाता है.
  •  मिनिमम सपोर्ट प्राइस का निर्धारण
  •  Agriculture produce Market Committee का संगठन
  •  आधारभूत संरचना जैसे कुआं तालाब नहर बांधों आदि का निर्माण
  •  Cooperative farming का प्रोत्साहन इत्यादि

इसके अलावा केंद्र सरकार ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य रखा है. पारंपरिक खेती का प्रोत्साहन सिंचाई सुविधा, e-NAM, GM crops etc, कुछ प्रमुख है.

इन सबके अलावा केंद्र सरकार ने model APMC Act 2003, model agriculture produce and marketing act 2017, तथा model contract farming act 2018 भी पारित किया. इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए हाल ही में सरकार ने 3 नए अधिनियम को संसद में पारित किया है. जो निम्नलिखित है:-

  1.  Farmers produce trade and commerce ( promotion and facilitation) bill 2020

 इन के कुछ मुख्य प्रावधान है –

  •  किसान wide range of food products जैसे खाद्यान्न, अंडे, मांस, दूध उत्पाद, कपास, jute, पशु चारा इत्यादि मंडियों में भेज सकता है जबकि पहले या सिर्फ खाद्यान्न तक ही सीमित था
  •  इसमें किसान की परिभाषा को और  विस्तृत कर दिया गया है
  • सरकारी और निजी क्षेत्र के लोग भी अब  e- market portal विकसित कर सकते हैं, जिससे e- trading को प्रोत्साहन मिलेगा
  • इसमें लेन-देन की बाद 1 से 3 दिन के भीतर भुगतान करना अनिवार्य होगा
  • क्रेता तथा  विक्रेता किसी को भी खरीद  तथा बिक्री पर सरकार को कर नहीं देना होगा
  • किसी विवाद के निपटारे के लिए SDM तथा additional collector से शिकायत की जा सकती है
  1. Farmers ( empowerment and protection) agreement on price assurance and farm service bill 2020

 इसके मुख्य प्रावधान इस प्रकार है –

  • किसी भी contract मैं आपूर्ति तिथि,न्यूनतम गुणवत्ता,बिक्री की कीमत तथा कंपनी क्या-क्या मुहैया कराएगी यह सब साफ-साफ लिखा होना चाहिए
  • अगर किसानों समय पर आपूर्ति नहीं कर पाता है तो जुर्माने के नाम पर जमीन  जब्त  नहीं किया जा सकता
  • इसमें खास व्यवस्था है जो किसानों को नुकसान  से सुरक्षित करती है.अगर कॉन्ट्रैक्ट के  समय जो कीमत तय की गई है उससे उत्पाद के  समय कीमत कम होती है तो कंपनी को तय किए गए कीमत पर सामान खरीदना होगा और अगर बाजार कीमत ज्यादा है तो किसानों को बाजार कीमत देना होगा.
  1. Essential commodity( amendment)act 2020

यह कानून economic agents को कृषि उत्पादन का निर्बाध रूप से जमा करने की अनुमति देता है. तथा सिर्फ आपदा, युद्ध तथा अन्य गंभीर परिस्थितियों में ही इसकी मनाही होगी.

 इन नियमों का निम्न कारणों से आलोचना हो रही है –

  •  किसानों को डर है कि बहुराष्ट्रीय कंपनियां कीमतों को manipulate कर उनका शोषण कर सकती है
  •  सरकार MSP की घोषणा करना बंद कर देगी
  •  अन्य प्लेटफार्म की वजह से धीरे धीरे सरकारी मंडीया बंद हो जाएगी
  •  किसी भी विवाद के निपटारे के वक्त किसानों का पक्ष कमजोर होगा

समाधान

  •  सरकार ने पहले ही किया साफ कर दिया है कि MSP और सरकारी  मंडिया की व्यवस्था जारी रहेगा .
  •  MSP को एक legal right बना देना चाहिए तथा इसको contract से जोड़ देना चाहिए.
  •  सरकार को कृषि क्षेत्र में और अधिक निवेश करना होगा.
  •  सरकारी मंडियों में मूलभूत सुविधाएं जैसे cold storage, transportation, warehouse इत्यादि की सुविधाएं  बढ़ानी होगी.

 अधिनियमो से लाभ –

  •  बाधाओं से मुक्त राष्ट्रीय कृषि बाजार का निर्माण होगा
  •  निवेश  और स्पर्धा में प्रोत्साहन जिससे किसानों को उनकी फसल की सही कीमत मिलेगी
  •  Middle man को हटाकर किसान को सीधे खरीदार  से जोड़ने पर उनकी आय को दोगुना करने में मदद  मिलेगी
  • E-platform और कृषि उत्पादों का व्यापार बढ़ेगा, इससे पारदर्शिता आएगी और समय की बचत होगी

 किसानों के लिए और क्या-क्या किया जा सकता है –

  • कृषि के अन्य अंगों जैसे पशुपालन मत्स्य पालन दूध उत्पाद तैयारी पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए
  •  Crop diversification कर दलहन तिलहन इत्यादि फसल की बुवाई
  •  वर्षा के पानी का संग्रह करना तथा सिंचाई के अत्याधुनिक तरीके का इस्तेमाल
  •  Food processing से कृषि उत्पादों में value addition किया जा सकता है इससे किसानों को बेहतर मूल्य मिलेगा
  •  MS Swaminathan Committee report को लागू कर रहा है जिसमें MSP  निर्धारण इत्यादि विषयोंका आधार तय करने से संबंधित उपाय बताए गए हैं
  •  विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी का उपयोग
  •  आधारभूत संरचना जैसे परिवहन भंडारण , बाजार व्यवस्था कर सही मूल्य किसानों तक पहुंचान

स्थिर और मजबूत कृषि क्षेत्र खाद्य सुरक्षा का आधार है. भारत को 5 trillion economy बनाने का सपना कृषि के सुधार के बिना असंभव है. इस दिशा में उपरोक्त अधिनियम निश्चित ही एक सार्थक प्रयास सिद्ध होगा.

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CURRENT AFFAIRS DECEMBER 2020 (05 DEC 20 TO 12 DEC 20

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