मौर्य साम्राज्य
- मौर्य साम्राज्य की स्थापना 320 ई°पू° हुई जिसका संस्थापक चंद्रगुप्त मौर्य था।
- यूनानियों से मुक्ति दिलाने के कारण चंद्रगुप्त मौर्य को ” भारत का मुक्तिदाता “ कहा जाता है।
- ग्रीक लेखों में चन्द्रगुप्त मौर्य को सैंड्रोकोट्स, एंडोकॉटस एवं पालिब्रोथस के नाम से सम्बोधित किया गया है।
- पाटलिपुत्र सर्वप्रथम चंद्रगुप्त मौर्य के शासनकाल में ही मगध की राजधानी बनी। जो आज बिहार की राजधानी पटना के नाम से विख्यात है।
- मेगास्थिनिज यूनानी शासक सेल्युकस का दूत था जो 315 ई°पू° चन्द्रगुप्त मौर्य के दरबार में पहली बार पाटलिपुत्र आया था।
- इंडिका की रचना मेगास्थिनिज ने की थी जिसमें सर्वप्रथम पाटलिपुत्र के शासन और प्रशासन का वर्णन मिलता है।
- मेगास्थिनिज ने अपनी पुस्तक इंडिका में पाटलिपुत्र के नगर निर्माण एवं सुंदरता का भी चरित्र चित्रण किया है।
- चाणक्य, चंद्रगुप्त मौर्य का प्रधानमंत्री था जिसने अर्थशास्त्र की रचना की। चाणक्य को ही कौटिल्य अथवा विष्णुगुप्त कहा जाता है।
- मौर्य वंश के पहले मगध में नंद वंश का शासक धनानन्द का शासन था। जिसे चाणक्य की सहायता से चन्द्रगुप्त ने विजित किया।
- पाटलिपुत्र में स्थित चन्द्रगुप्त का महल मुख्यतः लकड़ी का बना था जो आज पटना में कुम्हरार में स्थित है। यहीं से 80 स्तंभों वाला मौर्यकालीन स्थापत्य का अवशेष प्राप्त हुआ है।
- चन्द्रगुप्त मौर्य के महल के बारे में चीनी यात्री फ़ाहियान ने लिखा था कि “यह महल मानव की कृति नहीं है बल्कि देवों द्वारा निर्मित है।”
- चंद्रगुप्त मौर्य का पुत्र बिंदुसार था जो चन्द्रगुप्त मौर्य के बाद मौर्य साम्राज्य का उत्तराधिकारी अथवा शासक बना।
- आजीवक पिंगलवत्स बिंदुसार के दरबार में रहता था जिसने अशोक की भविष्यवाणी कि थी कि वो एकदिन राजा बनेगा।
- तृतीय बौद्ध संगीति का आयोजन पाटलिपुत्र में अशोक के शासनकाल में हुआ था जिसकी अध्यक्षता मोगलीपुत्र तिस्स ने की थी।
- अशोक, चन्द्रगुप्त मौर्य का पोता और बिम्बिसार का पुत्र था जिसने गया के समीप बराबर की पहाड़ियों में आजीवकों के लिए चार गुफाओं का निर्माण करवाया था। उन गुफाओं का नाम सुदामा, विश्व झोपड़ी, चौपड़ एवं कर्ण था।
- भाब्रू स्तम्भ में ही अशोक ने खुद को मगध का सम्राट घोषित किया था। अशोक स्वयं को देवनामपिय के नाम से सम्बोधित किया करता था।
- दशरथ अशोक का पुत्र था जिसने नागार्जुन पहाड़ियों में गोपी गुफा का निर्माण करवाया था।
- मौर्य प्रशासन केंद्रीयकृत था जिसमें करों का बोझ अधिक एवं प्रशासन तंत्र कठोर था। चंद्रगुप्त मौर्य के शासन काल में ही मगध पर 12 वर्षों का भीषण अकाल पड़ा था।
- मौर्य साम्राज्य के बाद शुंग वंश का शासन रहा जिसका संस्थापक पुष्यमित्र शुंग था।
- मौर्य साम्राज्य के पतन का मुख्य कारण विदेशी संकट, बाद के अयोग्य शासक एवं प्रांतीय विद्रोह था जिसने बने बनाए हुए एक विशाल साम्राज्य को छोटे छोटे खंडहरों में तब्दील कर दिया।
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