थियोसोफिकल सोसायटी (theosophical society)

थियोसोफिकल सोसायटी (Theosophical society) के बारे में 20 GK FACTS.

थियोसोफिकल सोसायटी (Theosophical society)

  1. विकिपीडिया के अनुसार  ‘थियोसोफी ग्रीक भाषा  के दो शब्दों “थियोस” तथा “सोफिया” से मिलकर बना है जिसका अर्थ हिंदू धर्म की “ब्रह्मविद्या”, ईसाई धर्म के ‘नोस्टिसिज्म’ अथवा इस्लाम धर्म के “सूफीज्म” के समकक्ष किया जा सकता है। कोई प्राचीन अथवा नवीन दर्शन, जो परमात्मा के विषय में चर्चा करे, सामान्यतः थियोसाफी कहा जा सकता है।

2. थियोसोफिकल सोसायटी की स्थापना 1875 ई० में न्यूयार्क में किया गया था।

3. थियोसोफिकल सोसायटी (Theosophical society)  के संस्थापक एक रूसी महिला हैनाली ब्लावत्सकी और एक अमेरिकी सैनिक अफसर कर्नल हेनरी स्टील आलकाट हैं।

4. इसका मुखपत्र मासिक “थियोसॉफिस्ट” है। इसकी स्थापना सन् 1879 में मैडम ब्लैवेट्स्की द्वारा हुई थी।

5. थियोसोफिकल सोसायटी के संस्थापक भारत में जनवरी 1879 ई० में पहुंचे और उन्होंने 1882 ई० में मद्रास के पास अड्यार में सोसायटी का मुख्यालय स्थापित किया।

6. अड्यार बाद में सोसायटी का अन्तर्राष्ट्रीय कार्यालय बना। इससे पहले इसका मुख्य कार्यालय 1879 में न्यूयार्क से मुंबई लाया गया था ।

7. एक आयरिश महिला ऐनी बेसेण्ट 1888-89 में हालैण्ड में इस सोसायटी की सदस्या बनीं।

8. ऐनी बेसेण्ट 1893 ई० में शिकागो के विश्व धर्म सम्मेलन में शामिल हुई। वहाँ से नवम्बर 1893 ई० में ये भारत आ गई और उन्होंने पूरे भारत में इसका प्रचार प्रसार किया।

9. डॉ एनी बेसेन्ट  अग्रणी आध्यात्मिक, थियोसोफिस्ट, लेखक, वक्ता एवं भारत-प्रेमी महिला थीं। 1917 में वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्षा भी बनीं।

10. थियोसोफिकल सोसायटी (theosophical society ) की विचारधारा को देव-विज्ञान के नाम से जाना जाता में हैं।

11. सोसायटी (theosophical society ) की धार्मिक शिक्षा के चार बिन्दु निम्न है

  • ईश्वर की एकता
  • विश्व बन्धुत्व
  • परमेश्वर के विविध रूप
  • दिव्य आत्मायें तथा प्राणियों का क्रम

12. थियोसोफिकल सोसायटी का मुख्य उद्देश्य प्राचीन हिन्दू धर्म के लोगों के आत्म-विश्वास को जगाना और बढ़ाना तथा धर्म को समाज सेवा का मुख्य आधार बनाना था।

13. ऐनी बेसेण्ट के सिद्धान्तों में धर्म दर्शन और गुह्या विद्या का अद्भुत मिश्रण था। इनका दर्शन मुख्य रूप से हिन्दू एवं बौद्ध दर्शन से लिया गया था।

14. थियोसोफिकल सोसायटी (theosophical society ) ने हिन्दू धर्म-ग्रंथों का प्रकाशन एवं अनुवाद भी किया |

15 .थियोसोफिस्ट पुनर्जन्म एवं कर्म के सिद्धान्त को स्वीकार करते थे।

16 .थियोसोफिकल सोसायटी (theosophical society ) ने बाल विवाह एवं जाति-पाँति का विरोध किया तथा विधवाओं की दशा सुधारने का प्रयास किया।

17. सोसायटी के जिस कार्य को हिन्दू समाज की भरपूर प्रशंसा मिली वह था भारत के नवयुवकों को शिक्षा की शिक्षा के लिए किया गया कार्य।

18. थियोसोफिकल सोसायटी (theosophical society ) व्यक्तिगत मोक्ष अथवा निर्वाण पर बल न देकर समाजसेवा पर बल देती है।

19. नवयुवकों को शिक्षा की शिक्षा के लिए ऐनी बेसेण्ट का सबसे महत्वपूर्ण कार्य वाराणसी में 1898 ई० में सेण्ट्रल हिन्दू कालेज की स्थापना थी।

20. सेण्ट्रल हिन्दू कालेज को मदन मोहन मालवीय ने 1916 ई० में बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के रूप में विकसित किया।

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