MOUNTAIN PASS OF INDIA
दर्रा का मतलब क्या होता है :
- दर्रा को अंग्रेजी में Mountain Pass कहते हैं। जिसका साधारण सा मतलब है पर्वत से होकर गुजरने वाला रास्ता। यानी कि वह संकीर्ण और प्राकृतिक रास्ता जो किसी पर्वत या पहाड़ी से होकर गुजरे। मतलब जिनसे होकर पर्वतों को आसानी से पार किया जा सके।
- अपने देश के कई हिस्सें, जो हिमालय के करीब है या पश्चिम घाट के क्षेत्र हैं। वहाँ आपको बहुत सारे दर्रे देखने को मिलेंगे। दर्रो के बारे में आपने कहीं न कहीं जरूर सुना होगा। जैसे कि, नाथु ला, जोजी ला, बुर्जी ला, चांग ला इत्यादि ऐसे बहुत से दर्रे हैं जो देश के कई क्षेत्रों को एक दूसरे से जोड़ते हैं। कहीं कहीं ये दर्रे देश की सीमा एक निर्धारण भी करते हैं जैसे कि नाथुला। जो कि भारत और चीन की सीमा है।
- दर्रा को तिब्बती भाषा में ‘ला’ कहा जाता है यानी कि Mountain Pass। जी हाँ, और इसी कारण आपने दर्रो के नाम के अंतिम में ला शब्द को सुना होगा। जैसे कि नाथू ला, बमडि ला इत्यादि।
दर्रो की इतनी अहमियत क्यों है ?
- परिवहन, व्यापार, युद्ध अभियानों और मानवीय प्रवास में इन दर्रों ने काफी सारा योगदान दिया है। विज्ञान और तकनीक ने दर्रो को और भी जनसुलभ और सुगम्य यानी कि Easy To Way बना दिया है। अब दर्रो के माध्यम से सड़क के साथ रेलमार्ग का परिचालन भी सम्भव है। समय और दूरी कम करने में दर्रो की बहुत बड़ी भूमिका है।
देश के प्रमुख दर्रो का नाम और उससे सम्बंधित जानकारी :
- जम्मू और कश्मीर के प्रमुख दर्रे :
- काराकोरम दर्रा : काराकोरम दर्रा भारत का सबसे ऊंचा दर्रा है । इसकी ऊंचाई समुद्र तल से 5654 मी° है। यह POK वाले क्षेत्र को चीन से जोड़ता है।
- बुर्जिल दर्रा : बुर्जिल दर्रा श्रीनगर को गिलगित से जोड़ता है।
- जोजी ला : यह कश्मीर घाटी को लेह से जोड़ता है।
- पीर पंजाल दर्रा : यह कुलगाँव को कोठी से जोड़ता है।
- बनिहाल दर्रा : बनिहाल दर्रे से ही जम्मू से श्रीनगर जाने का राह गुजरता है। जवाहर सुरंग का निर्माण बनिहाल दर्रा में ही हुआ है।
- चांग ला– यह दर्रा भी जम्मू और कश्मीर में ही पड़ता है।
- हिमाचल प्रदेश के प्रमुख दर्रे :
- बारालाचा दर्रा : बारालाचा दर्रा मंडी को लेह से जोड़ता है।
- शिपकी ला : यह शिमला को तिब्बत से जोड़ता है । सतलज नदी शिपकी ला के समीप से ही भारत में प्रवेश करती है। यह भारत और चीन के बीच दूसरी सीमा भी है।
- रोहतांग दर्रा ( अटल टनल) : रोहतांग दर्रा, जिसका नाम बदल कर अब अटल टनल कर दिया गया है। यह 10 हजार फीट पर स्थित दुनिया की सबसे लंबी रोड टनल है। यह लेह मनाली हाइवे पर पड़ता है।
- उत्तराखंड के प्रमुख दर्रे :(MOUNTAIN PASSES OF UTTARAKHAND)
- थांगा ला – यह उत्तराखंड के कुमांऊ श्रेणी में स्थित है।
- माना दर्रा : इसे चिरबितया ला या डूंगरी ला भी कहते हैं। यह उत्तराखंड के अंतिम गांव माना में में पड़ता है जो भारत और तिब्बत के बीच में स्थित है। इसी दर्रे में देवताल झील है जहाँ से सरस्वती नदी का उद्गम होता है।
- लिपुलेख दर्रा : यह दर्रा भारत और चीन सीमा पर स्थित है। यह भारत और चीन के बीच पहली सीमा है।
- नीति दर्रा : यह उत्तराखंड में स्थित है।
- मुलिंग ला– यह दर्रा भी उत्तराखंड में ही स्थित है जो उत्तराखंड को तिब्बत से जोड़ता है।
- नोट – इन्हीं चारों दर्रो से मानसरोवर झील और कैलाश घाटी का राह गुजरता है। यहाँ केवल भारतीय नागरिक ही आ सकते हैं जिसके लिए पास अनिवार्य है।
- सिक्कीम के प्रमुख दर्रे :
- नाथू ला – यह भारत और चीन के बीच तीसरा सीमा है। और यह भारत चीन का व्यापार मार्ग भी है।
- जेलेप ला – यह सिक्किम को ल्हासा(तिब्बत) से जोड़ता है। इसका निर्माण तीस्ता नदी द्वारा हुआ है।
- अरुणाचल प्रदेश के प्रमुख दर्रे :
- बोमडि ला – यह अरुणाचल प्रदेश को तिब्बत से जोड़ता है।
- यांग याप दर्रा – यांग याप दर्रे के समीप से ही बह्मपुत्र नदी भारत में प्रवेश करती है।
- दिफु दर्रा – यह अरुणाचल प्रदेश और म्यामांर की सीमा है।
- पांगसाड दर्रा – यह भी अरुणाचल प्रदेश और म्यामांर की सीमा है।
- बम ला दर्रा – यह भी अरुणाचल प्रदेश में ही स्थित है।
- से ला – यह भी अरुणाचल प्रदेश में ही स्थित है।
- मणिपुर के प्रमुख दर्रे :
- तुजु दर्रा – यह मणिपुर के इम्फाल को म्यामांर से जोड़ता है।
पश्चिमी घाट के प्रमुख दर्रे :
- भारत के भौगोलिक क्षेत्र को पांच भागों में बांटा गया है। थार मरुस्थलीय प्रदेश, दक्षिण का पठारी प्रदेश, पूर्वी पश्चिमी तटीय प्रदेश व द्वीप समूह। उसी पांच भागों में से एक है पश्चिमी घाट। जो कि 1600Km की लंबाई में कन्याकुमारी तक विस्तृत है। केरल, कर्नाटक, गोआ, महाराष्ट्र के पश्चिमी हिस्से समेत कुल पश्चिमी घाट के अंर्तगत आते हैं।
- अब हम जानेंगे कि वे पश्चिमी घाट के प्रमुख दर्रे कौन कौन से हैं जिनसे लगातार प्रश्न पूछे जाते रहें हैं :
- थालघाट दर्रा – यह महाराष्ट्र में पड़ता है तथा मुंबई को नासिक से जोड़ता है।
- भोरघाट दर्रा – यह भी महाराष्ट्र में पड़ता है। इस दर्रे से 28 रेलवे सुरंगे गुजरती है।
- पालघाट दर्रा – यह केरल में पड़ता है तथा नीलगिरी एवं अन्नामलाई श्रेणियों में स्थित है।
हम उम्मीद करते हैं कि अब आपको दर्रो के बारे में काफी सारी जानकारीयां मिल गई होंगी। अब आपको वनडे एक्जाम्स में दर्रो से सम्बंधित एक भी प्रश्न गलत होने के चांस नहीं मिलेंगे। अगर आपने इस आर्टिकल को कम से कम दो बार अच्छे से पढ़े होंगे तो आपको कई सारे MCQ तैयार हो गए होंगे।
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MOUNTAIN PASS OF INDIA
Bahut achha
Thnk u sir 😊