प्रस्तावना
संविधान में प्रस्तावना जोड़ने की प्रथा संयुक्त राज्य अमेरिका से प्रारम्भ हुई जिसका अनुकरण दुनिया के अनेक राज्यों ने किया |
प्लेटो ने कहा था कि “प्रत्येक विधि की प्रस्तावना होनी चाहिए क्योंकि प्रस्तावना विधि के उदेश्यों
को स्पष्ट करके उसके उसके दुरुपयोगों की सम्भावना को समाप्त कर देती है“|
संविधान सर्वोच्च विधि है और प्रस्तावना उस विधि के उद्देश्य के उद्देश्य का स्पष्टिकरण है |
इससे न्यायपालिका को संविधान के प्रावधानों की व्याख्या में सुविधा हो जाती है क्योंकि
वह संविधान निर्माताओ के मन को जानने की कुंजी है |
भारतीय संविधान की प्रस्तावना जिस राजदर्शन को स्पष्ट करती है उसमे तीन चीजें निहीत है :
- प्रथम -सत्ता का स्रोत
- द्वितीय – राज्य का स्रोत
- तृतीय – शासन का उद्देश्य
संविधान में सत्ता का स्रोत जनता है जो कि प्रस्तावना में उल्लिखित शब्द हम भारत के लोग से स्पष्ट है | भारतीय राज्य का स्वरुप संप्रभु,समाजवादी,पंथनिरपेक्ष ,लोकतान्त्रिक गणराज्य है अर्थात हम
अपने मामले में सर्वोच्चता का दावा करते है हमारा ध्येय सम्पूर्णसमाज का भला करना है
धार्मिक दृष्टी से हमारी सरकार निरपेक्ष है तथा हमारे शासन का स्वरुप प्रजातान्त्रिक है साथ ही हमारा राज्याध्यक्ष एक निर्वाचित व्यक्ति है, प्रस्तावना के माध्यम से इस बात की
घोषणा की गई है कि शासन का उद्देश्य न्याय ,स्वतंत्रता ,समानता एवं बंधुत्व है न्याय के
अंतर्गत सामाजिक,आर्थिक व राजनैतिक तीनो न्याय है जिससे कि प्रजातंत्र को सच्चे प्रजातंत्र
के रूप में लाया जा सके |भारत जेसे देश में जहाँ सामाजिक श्रेणी कीअनुकमता हो,तथा
प्रयाप्त विविधता हो वहां समानता व एकता के लिए एसे लक्ष्य नितांत आवश्यक है |
प्रस्तावना के द्वारा हम एक ऐसे शासन को पान चाहते हैजो लोकतान्त्रिक व
कल्याणकारी हो ,विश्व में स्वतंत्रा ,समानता व बंधुत्व जैसे लोकतान्त्रिक मूल्य समाहित हो |
हमारी प्रस्तावना में फ़्रांसिसी क्रांति का आदर्श स्वतंत्रा ,समानता व बंधुत्व ,रुसी क्रांति का
लक्ष्य आर्थिक न्याय तथा अमेरिकी क्रांति का उद्देश्य व्यक्तिगत समनाता तीनो समाहित है |
इस तरह हमारी प्रस्तावना संविधान के उद्देश्यों के घोषणा के साथ – साथ सम्पूर्ण संविधान
का सार व आत्मा है |
अन्य GK जानकारियां
- तरुण गोगोई का जीवन परिचय
- राज्यपाल के बारे में टॉप 20 FACTS
- भारत में नए राज्यों की मांग कितनी जायज है ?
- भारतीय संविधान की प्रस्तावना का महत्व और उसमे निहित राज्यदर्शन
आप हमे फेसबुक के THE GKJANKARI पेज पर फॉलो कर सकते हैं | ट्विटर – GKJANKARI